धान खरीदी केंद्रों में अव्यवस्था से किसान परेशान, नहीं मिल रहे टोकन, उठाव में देरी बनी समस्या
खरीदी केंद्र के कर्मचारी दीपक जाहिरे ने जानकारी दी कि केंद्र में धान उठाव नहीं हो पाने के कारण धान का भंडारण सीमा (लिमिट) पूरी तरह भर चुकी है। इस केंद्र की अधिकतम सीमा 2000 क्विंटल है, जो अब फुल हो चुकी है।
जांजगीर-चांपा जिले के डभरा खरीदी केंद्र सहित अन्य धान खरीदी केंद्रों पर अव्यवस्था के कारण किसानों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। धान उठाव की धीमी प्रक्रिया और स्थान की कमी के कारण धान का स्टॉक केंद्रों में जमा हो गया है। इस स्थिति के कारण टोकन कटने की प्रक्रिया बाधित हो रही है, जिससे किसान निराश होकर लौटने पर मजबूर हो रहे हैं।
धान उठाव में देरी से केंद्रों की लिमिट हुई फुल
डभरा खरीदी केंद्र के कर्मचारी दीपक जाहिरे ने जानकारी दी कि केंद्र में धान उठाव नहीं हो पाने के कारण धान का भंडारण सीमा (लिमिट) पूरी तरह भर चुकी है। इस केंद्र की अधिकतम सीमा 2000 क्विंटल है, जो अब फुल हो चुकी है। “धान आवक की प्रक्रिया बाधित होने से किसानों का टोकन काटना संभव नहीं हो पा रहा है। जब तक धान उठाव की प्रक्रिया शुरू नहीं होती और सीमा बढ़ाई नहीं जाती, तब तक नए किसानों से धान खरीद पाना मुश्किल है,” जाहिरे ने बताया।
किसानों की बढ़ती चिंता
सीताराम मैत्री नामक किसान ने बताया कि जब वह टोकन कटवाने पहुंचे, तो उनके टोकन काटने से मना कर दिया गया। उन्होंने कहा, “हमारे घरों में धान भंडारण की जगह नहीं है। इस बीच, मौसम में बदलाव की आशंका से हमारी चिंता और बढ़ गई है। अगर बारिश होती है, तो हमारी आर्थिक स्थिति पर बड़ा संकट खड़ा हो सकता है।” किसानों ने सरकार से मांग की है कि खरीदी केंद्रों की सीमा को बढ़ाया जाए और उठाव की प्रक्रिया में तेजी लाई जाए।
बारदाने की कमी बनी बड़ी समस्या
डभरा और सकरेली सहित अन्य केंद्रों पर बारदाने की कमी एक बड़ी समस्या बन गई है। नेतराम पटेल, एक अन्य किसान, ने बताया कि बारदाने की उपलब्धता नहीं होने के कारण भी किसानों का धान खरीदी केंद्रों पर जमा नहीं हो पा रहा है। “अगर बारिश हो गई, तो धान भीग जाएगा और किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ेगा।” उन्होंने आगे कहा कि केंद्रों पर व्यवस्थाओं में सुधार की सख्त जरूरत है।
खरीदी केंद्रों की स्थिति बिगड़ी
जिले के कई खरीदी केंद्रों में स्थिति दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है। खरीदी केंद्रों पर न तो खाली स्थान है और न ही पर्याप्त बारदाना। इस कारण से केंद्र प्रभारी किसानों से धान का स्टॉक नहीं ले पा रहे हैं। टोकन काटने की प्रक्रिया भी लगभग बंद हो चुकी है। केंद्र प्रभारी ने बताया कि फड़ पूरी तरह धान से भरा हुआ है और धान का उठाव न होने के कारण समस्या बढ़ती जा रही है।
मौसम की मार से चिंतित किसान
मौसम विभाग ने आगामी दिनों में बारिश की संभावना जताई है, जिससे किसानों की चिंताएं और बढ़ गई हैं। धान की फसल भीगने पर उसकी गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है, जिससे उन्हें उचित मूल्य नहीं मिल पाएगा। किसानों ने इस समस्या के समाधान के लिए राज्य सरकार से तत्काल कदम उठाने की मांग की है।
सरकारी दखल की जरूरत
किसानों ने अपील की है कि सरकार जल्द से जल्द खरीदी केंद्रों पर धान उठाव की प्रक्रिया में तेजी लाए। इसके अलावा, बारदाने की आपूर्ति और भंडारण सीमा बढ़ाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं। केंद्रों की अव्यवस्था और मौसम की अनिश्चितता ने किसानों को आर्थिक संकट में डाल दिया है।